पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कार्रवाई: सुरक्षा सख्त, पाकिस्तान पर दबाव




Pahalgam Attack Fallout: India’s Response, LOC Tensions, and Diplomatic Pressure on Pakistan

हमले की भयावहता और पीड़ितों की त्रासदी




22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरान मैदान में पांच आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। हमलावरों ने पीड़ितों से नाम और धर्म पूछकर हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। कुछ पीड़ितों को कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया गया, जबकि पुरुषों को खतना न होने की जांच के लिए पैंट उतारने को कहा गया। इस हमले में 26 लोगों की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हो गए, जिससे यह कश्मीर घाटी का 2019 के बाद सबसे भीषण आतंकी हमला बन गया।

सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई



भारत ने इस हमले के बाद कश्मीर आतंकवाद और भारत-पाकिस्तान तनाव को बढ़ते हुए देखा। सुरक्षा बलों ने त्वरित प्रतिक्रिया दी और आतंकियों के खिलाफ संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया। भारतीय सेना, पैरामिलिट्री फोर्सेज और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पीर पंजाल रेंज के ऊपरी इलाकों में आतंकियों को ढूंढने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। हेलीकॉप्टरों और ड्रोन्स की मदद से जंगली इलाकों की तलाशी ली जा रही है।

इनाम की घोषणा:
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन संदिग्ध आतंकियों (आदिल हुसैन ठोकर, अली भाई और हाशिम मूसा) के लिए 60 लाख रुपये का इनाम रखा है। इन्हें लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ा गया है, और इन आतंकियों की तलाश में NIA की जांच भी चल रही है।

डिजिटल सबूत:
एनआईए की जांच में पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची स्थित सेफ हाउसों से डिजिटल ट्रेस मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आतंकियों को पाकिस्तान से समर्थन प्राप्त था।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और कूटनीतिक दबाव



प्रधानमंत्री मोदी की चेतावनी:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आतंकियों और उनके समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा। हम उन्हें धरती के अंतिम छोर तक पकड़ेंगे।" उनके इस बयान ने पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव को और बढ़ा दिया है।




रक्षा मंत्री की बैठक:
राजनाथ सिंह ने CDS अनिल चौहान और थलसेना प्रमुख के साथ पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने सीमा सुरक्षा बढ़ाने और आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का समर्थन किया।




विदेश मंत्रालय की कार्रवाई:
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बढ़ाते हुए 500+ पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए और सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया।

स्थानीय समर्थन और राहत कार्य



स्थानीय निवासियों की भूमिका:
घोड़ा मालिकों के संघ ने 11 घायलों को पोनी और स्ट्रेचर पर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। वहीं, गुरुद्वारों ने भाग रहे पर्यटकों को शरण दी। इन स्थानीय प्रयासों ने पीड़ितों और उनके परिवारों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की।

सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया:
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने इस हमले की निंदा की और कहा, "यह हमला मानवता के मूल्यों पर प्रहार है। देश शोकाकुल परिवारों के साथ खड़ा है।"




पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत का जवाब

सीजफायर उल्लंघन:
पाकिस्तान ने 27-28 अप्रैल की रात को पुंछ और कुपवाड़ा सेक्टर में छोटे हथियारों से फायरिंग की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। LOC पर यह तनाव बढ़ता जा रहा है, और दोनों देशों के बीच सीमा सुरक्षा को लेकर चिंता गहरी हो गई है।

पाकिस्तान का प्रतिउत्तर:
पाकिस्तान ने शिमला समझौते को निलंबित करते हुए भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। हालांकि, भारत ने इस कदम को गंभीरता से लिया और जवाबी कार्रवाई का संकेत दिया।

आगे की रणनीति और चुनौतियां



एनआईए की जांच:
एनआईए की जांच आतंकियों के फंडिंग नेटवर्क और पाकिस्तानी एजेंटों के हाथों को उजागर करने पर केंद्रित है। जांच के दौरान नए डिजिटल ट्रेस और जानकारी सामने आई है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादियों के वित्तीय और ठिकानों का पता लगा रही हैं।

सीमा सुरक्षा मजबूत:
भारत ने LOC पर अतिरिक्त BSF बटालियनों को तैनात किया है और ड्रोन्स, नाइट विजन डिवाइस का इस्तेमाल बढ़ाया है। ये कदम सीमा पर पाकिस्तान से होने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए हैं।

अंतरराष्ट्रीय दबाव:
भारत ने BBC को पत्र लिखकर "आतंकियों" को "मिलिटेंट्स" कहने पर आपत्ति जताई। यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति को जाहिर करता है।



निष्कर्ष

पहलगाम हमले ने न सिर्फ कश्मीर बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जो बहु-स्तरीय रणनीति अपनाई है, वह सैन्य, कूटनीतिक और तकनीकी मोर्चों पर एक साथ चल रही है। आने वाले दिनों में पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने और आतंकी नेटवर्क्स को ध्वस्त करने पर जोर रहेगा।